एनएच-233 पर सातवें दिन जानवरों के साथ धरने पर बैठे किसान

एनएच-233 पर सातवें दिन जानवरों के साथ धरने पर बैठे किसान।

 

अम्बेडकर नगर न्यूज लाईव संवाददाता अभिषेक कुमार गौड:-
किसानों ने शासन प्रशासन पर लगाया निकम्मापन का आरोप
अम्बेडकरनगर:एनएच-233 से प्रभावित किसानों के धरना स्थल पर किसानों ने बच्चों व महिलाओं के जीवन यापन करना शुरू कर दिया है। किसानों का आरोप है कि धरना के सातवें दिन भी कोई सक्षम अधिकारी धरना स्थल तक नहीं पहुंचा है जबकि किसान अपने परिवार के साथ ठण्ड में तम्बू में रहने पर विवश हैं।
निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग-233 से प्रभावित किसानों ने विगत सात दिनों से विकास खण्ड टाण्डा के ग्राम सभा पुन्थर में धरना प्रदर्शन जारी कर रखा है। किसानों के धरना पर प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से 2 बजे तक वैकल्पिक स्कूल भी चलाया जा रहा है। उक्त धरना स्थल पर अब महिलाओं ने अपना चौका चूल्हा का काम भी शुरू कर दिया है। धरना स्थल का आज सूचना न्यूज़ टीम ने निरीक्षण किया तो अजब सा नज़ारा नज़र आया। एक तरफ किसान धरना दे रहे थे तो दूसरी तरफ सैकड़ों छात्र पढ़ते मिले जबकि महिलाएं खाना बनाती नज़र आई और उनके जानवर धरना स्थल के पास ही बंधे मिले। सूचना न्यूज़ टीम ने किसानों से वार्ता किया तो उन्होंने बताया कि धरना प्रदर्शन का सातवां दिन है लेकिन अभी तक कोई सक्षम अधिकारी उनका हाल तक लेने नहीं पहुँचा। किसानों की मांग है कि उनको उचित मुआवजा समय से दिया जाए। किसान नेता लल्लू वर्मा ने शासन व प्रशासन पर निकम्मापन का आरोप लगाया। किसान नेता विनय वर्मा ने कहा कि अधिकारी मात्र वार्ता करते हैं लेकिन काम नहीं करते। उन्होंने कहा कि 43 गांव के लोग प्रभावित चल रहे हैं लेकिन अधिकारी सिर्फ ज़ोर ज़बरदस्ती कार्य कर रहा है। एनएच-233 से प्रभावित किसान जावेद सिद्दीकी ने कहा कि अगर हमारी जायज़ मांगों को नहीं माना गया तो हम सब यहीं पर मर जायेंगे।
बहरहाल पुन्थर में एनएच-233 से प्रभावित किसानों का धरना प्रदर्शन आज सातवें दिन भी जारी है

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