डा. एसपी सिंह कन्सलटेन्ट कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भारत सरकार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने जिला कुरुक्षेत्र में उन किसानों से फीडबैक जानने हेतू दोरा किया जिनकों मृदा स्वास्थय कार्ड दिए गए थे। टीम ने विशेष रूप से तीन खंडों के गावों का दोरा किया । थानेसर के गांव अमीन, लाड़वा के गांव खैरी व बाबैन ब्लॉक के गांव रामपुरा में डा. अनिल राणा अतिरिक्त निदेशक (भूमि एवं जल प्रबंधन) कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा, डा. हरीश श्रीवत्स, सहायक निदेशक क्षेत्रीय जैविक खेती केन्द्र पंचकुला व रवि कुमार असिस्टैन्ट फील्ड अधिकारी नोएडा के साथ दौरा किया गया। दौरा कार्यक्रम के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कुरुक्षेत्र के उप निदेशक डा.कर्मचन्द ने टीम के सदस्यों को अवगत कराया कि जिला कुरुक्षेत्र के सभी 418 गांवों में 2015-16, 2016-17 के दौरान कुल 60299 मिट्टी के नमूनें ग्रिड प्वांइट के आधार पर लिये गये थे। जिनमें कुल किसानों की संख्या 1,72,397 थी और सभी किसानों को सॉयल हैल्थ कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। तीनों गांवों के किसानों ने विचार-विमर्श के दौरान बताया कि वे इन कार्डो में दी गई सिफारिशों के अनुसार ही खादों का प्रयोग कर रहे हैं और इससे उन्हें संतुलित खाद डालने की प्रेरणा मिली है। गांव रामपुरा के किसानों ने विशेष रूप से टीम को अवगत कराया कि पहले गांव के किसान आलू के खेतों में डीएपी खाद का इस्तेमाल ज्यादा करते थे लेकिन सॉयल हैल्थ कार्ड मिलने उपरान्त उन्होंने डीएपी खाद की मात्रा काफी कम कर दी है इससे उनकी फसल गुणवत्ता बढऩे के साथ-2 उत्पादन भी बढ़ा है और लागत मूल्य में कमी आई है। संयुक्त टीम ने कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन सॉयल हैल्थ कार्डों में किसी प्रकार की त्रुटि पाई गई है उन्हें तुरन्त दुरूस्त करवाकर किसानों को पुन: दे दी जाये। संयुक्त टीम ने मशीन के माध्यम से खाद बिक्री जानने हेतू लक्ष्मी फर्टिलाईजर, थानेसर मंडी के साथ-2 कुछ अन्य खाद बिक्री केन्द्रों का दौरा भी किया। इस दौरा कार्यक्रम के दौरान डा. अंकित वरिष्ठ विश्लेषक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला करनाल, डा. सुरेश कुमार उपमण्डल कृषि अधिकारी कुरुक्षेत्र, डा. मुकेश कुमार सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कुरुक्षेत्र व तीनों खंडों के खंड कृषि विकास अधिकारी मौजूद रहे। टीम के द्वारा बताया गया कि अगर किसी भी किसान को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध नहीं हुआ है तो अपनी जमीन का ब्यौरा लेकर कृषि विभाग से सम्पर्क करके अपना मृदा स्वास्थ्य कार्ड ले लें। उपनिदेशक कृषि ने बताया कि समय-समय पर किसानों को डीसी सुमेधा कटारिया के मार्गदर्शन में जागरूक किया जाता हैं।