चिकित्सक की लापरवाही से अधेड़ की गई जान
अस्पताल में आक्रोशित परिजनों ने जमकर बरपाया हंगामा
परिजनों का आरोप: इंजेक्शन लगते ही हो गई मरीज की मौत
रूद्रपुर संवाददाता संदीप पाडे:—–
रुद्रपुर। शहर के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक की लापरवाही से एक अधेड़ ने समय पर उपचार न मिल पाने के अभाव में दम तोड़ दिया। आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा और चिकित्सक की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। इधर, सूचना पर मय फोर्स पहुंचे शहर कोतवाल ने आक्रोशित लोगों को शांत कराया और उनसे कानून के दायरे में रहते हुए विरोध करने और घटना की तहरीर देने को कहा। जिसके बाद ही मामला शांत हो सका।
बता दें कि शहर के सुभाष कालोनी निवासी प्रताप सिंह (45) पुत्र रामउमेश सिंह दो दिन पूर्व कोहरे के चलते हुई दुर्घटना में बरेली स्थित इज्जतनगर के समीप घायल हो गए थे। घायल होने के बाद प्रताप सिंह को बरेली के ही नवोदय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 11 नवंबर को परिजन प्रताप सिंह को घायलावस्था में लेकर शहर के एक निजी अस्पताल में पहुंचे। जहां उनका उपचार चल रहा था। उपचार अस्पताल के ही एक चिकित्सक द्वारा किया जा रहा था। बताया गया कि रात्रि में अचानक प्रताप सिंह की हालत बिगडऩे लगी। परिजनों ने चिकित्सक को बुलवाया गया। नर्स से भी बुलवाया गया, लेकिन आरोप है कि चिकित्सक रात में नहीं पहुंचे। जिसके चलते उनकी हालत सुबह होने तक बिगडऩे लगी, सुबह चिकित्सक द्वारा दी गई पर्ची के आधार पर नर्स ने प्रताप को इंजेक्शन लगाया। परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन के लगते ही प्रताप की मौत हो गई। परिजन इस मौत के लिए अस्पताल के चिकित्सक को जिम्मेदार मान रहे हैं। उनका कहना था कि चिकित्सक अगर समय पर आ जाते तो प्रताप की जान नहीं जाती। इधर, प्रताप के परिजनों का अस्पताल में रो रोकर बुरा हाल था। इस दौरान अस्पताल में खासा हंगामा बरपता रहा। आक्रोशित परिजन चिकित्सक के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जता रहे थे। हंगामा बरपता देख अस्पताल का स्टाफ भी वहां से खिसक गया। इधर, घटना की सूचना पर पहुंचे शहर कोतवाल तुषार बोरा ने आक्रोशित परिजनों को शांत कराया और उन्हें कानून का पाठ पढ़ाते हुए उनसे घटना बावत तहरीर देने को कहा। इधर, परिजनों ने आरोपी चिकित्सक के खिलाफ तहरीर दिए जाने की कार्यवाही शुरू कर दी। इधर, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। बहरहाल उक्त प्रकरण में कुछ लोग समझौते के प्रयास में भी जुटे थे।