जलाशयों, झीलों व आद्र्रभूमियों का सरंक्षण एवं प्रबंधन जरुरी:लूथरा

जलाशयों, झीलों व आद्र्रभूमियों का सरंक्षण एवं प्रबंधन जरुरी:लूथरा
कुरुक्षेत्र 2 फरवरी न्यूज लाईव संवाददाता राकेश शर्मा
हरियाणा सिंचाई शोध एवं प्रबंधन संस्थान के संयुक्त निदेशक पीके लूथरा ने कहा कि जल की कमी के कारण कुरुक्षेत्र ही नहीं हरियाणा का भूजल स्तर निम्न स्तर पर पहुंच गया हैं। इस विकट परिस्थिति को देखते हुए जलाशयों, झीलों व आद्र्रभूमियों का सरंक्षण एवं प्रबंधन बहुत जरुरी हैं।वे शुक्रवार को हिरमी के सभागार में विश्व आद्र्रभूमि दिवस पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के उदघाटन सत्र में बतौर मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले संयुक्त निदेशक पीके लूथरा, उपनिदेशक मुनीष बब्बर व स्वर्ण लांग्यान ने दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रुप से एक दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन किया। संयुक्त निदेशक पीके लूथरा ने कहा कि मनुष्य अपने स्वार्थ और लाभ के लिए आद्र्रभूमियों का निरंतर प्रयोग करता आ रहा हैं, जिसके परिणाम स्वरुप जल के अभाव में भूजल स्तर खतरनाक रुप से निम्रस्तर पर पहुंच गया हैं। जिला कुरुक्षेत्र को पहले ही डार्क जोन में शामिल कर लिया गया हैं।उन्होंने कहा कि अगर इसी रफतार से पानी का दोहन होता रहा तो आने वाली पीढिय़ां पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस जाएंगी। इस खतरनाक स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा आम नागरिकों से अपील की जा रही हैं कि आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक जलाशयों, झीलों, आद्र्रभूमियों के सरंक्षण एवं प्रबंधन में अपना योगदान दे ताकि जल शुद्धिकरण, बाढ़ से बचाव, जलवायु नियंत्रण, जलापूर्ति, भूजल, पुन:भरण, भोजन, चारा, वनस्पति की आपूर्ति, पक्षियों व पेड़-पौधों को सरंक्षण देकर बहुआयामी लाभ प्राप्त किए जा सके। आई एंड डब्लयूआरडी के सहायक निदेशक मंदीप ने अपने तकनीकी स्तर में शहरी क्षेत्र में आद्र्रभूमियों की महता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में लगातार पानी का दोहन किया जा रहा हैं और गांव के लोग शहरों की तरफ आ रहे हैं। वर्ष 2050 तक 66 प्रतिशत लोग शहरों में पहुंच जाएंगे, जिससे पानी की खपत बढ़ेगी तथा स्थिति ओर खराब हो जाएगी।
उपनिदेशक हिरमी मुनीष बब्बर ने मेहमानों का स्वागत करते हुए विश्व आद्र्रभूमि दिवस पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए विभाग द्वारा जल को बचाने और प्रबंधन के प्रति लोगों को जागरुक करने बारे तमाम योजनाओं को सबके समक्ष रखा। उपनिदेशक स्वर्ण लांग्यान ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर विभाग के अधिकारी और विषय विशेषज्ञ मौजूद थे।
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