नियोजित शिक्षकों का बिहार सरकार लगातार आर्थिक शोषण एवं दोहन करती आ रही है

पटना : नियोजित शिक्षकों का बिहार सरकार लगातार आर्थिक शोषण एवं दोहन करती आ रही है

पटना, सनाउल हक़ चंचल, स्टेट हेड

पटना : टीईटी एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक के हवाले से प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि नियोजित शिक्षकों का बिहार सरकार लगातार आर्थिक शोषण एवं दोहन करती चली आ रही है।कभी भी ससमय वेतन भुगतान नही किया जाता है।राज्य में मनाये जाने वाले सभी पर्व त्योहार जैसे दशहरा, दीपावली, छठ,ईद,बकरीद,बिना वेतन के कटा है और अब होली में भी वेतन भुगतान होता दिख नही रहा है।5-6 महीने से वेतन नही मिलने से नियोजित शिक्षकों को भोजन के भी लाले पड़ गए है।इंटर परीक्षा के पहले बिहार कैबिनेट से 2600 करोड़ रुपये नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गई किंतु वेतन नही मिल सका।अब मैट्रिक परीक्षा के पहले मीडिया में यह खबर चली की बिहार शिक्षा परियोजना ने जिलों को पैसा जारी कर दिया है परंतु अधतन स्थिति यह है कि बिहार शिक्षा परियोजना को ही अभी तक राशि अप्राप्त है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार का सभी तंत्र पूर्ण रूप से फेल हो चुका है और यहां राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए

प्रदेश कोषाध्यक्ष मितेन्दु,प्रदेश सचिव मंडल सदस्य अमित कुमार,शाकिर इमाम,रौशन झा,नाजिर हुसैन,संजीत कुमार गुड्डू ,प्रबंधन समिति सदस्य प्रमोद कुमार एवं जयप्रकाश सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की अगर होली के पहले सरकार बकाया वेतन भुगतान नही करती है तो आगामी उपचुनाव में नियोजित शिक्षक सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे।

वही प्रदेश महासचिव अनिल राय ने सुप्रीम कोर्ट में चल रहे समान काम समान वेतन के केस के मुद्दे पर कहा कि हम तमाम टीईटी एसटीईटी शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि हमे वहां से न्याय मिलेगा।उन्होंने सभी टीईटी-एसटीईटी शिक्षकों को एकता बनाये रखने की अपील की।मीडिया को इसकी सूचना संघ के पश्चिम चम्पारण जिला सोशल मीडिया प्रभारी सुनिल कुमार ‘राउत’ ने दी।

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