पंचेश्वर बांध बहुउदेशीय परियोजना पर्यावरणीय सुनवाई की एक बैठक सम्पन्न हुई।
पंचेश्वर बांध बहुउदेशीय परियोजना की 11 अगस्त 2017 को होने वाली पर्यावरणीय सुनवाई की पूर्व तैयारी के संबंध में जिला कार्यालय सभागार में अपर जिलाधिकारी मुहम्मद नासिर की अध्यक्षता में एक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में पंचेश्वर बांध परियोजना के वेबकाप्स लिमिटेड से आए अधिकारियों द्वारा पीपी प्रजेंटेशन के माध्यम से अधिकारियां को योजना की पूरी जानकारी दी। बैठक में परियोजना से आए प्रमुख कार्यकारी अधिकारी महेन्द्र बहादुर गुरू एवं अपर प्रमुख कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार एवं डा. अमर शर्मा द्वारा परियोजना के डीपीआर के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 5040 क्षमता की इस परियोजना का मुख्य उदेश्य विघुत उत्पादित करने के साथ ही क्षेत्र के प्रभावित लोगो ंको जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही राज्य को 13 प्रतिशत निःशुल्क विद्युत उपलब्ध कराना है जिससे राज्य को 240 करोड़ की धनराशि का अतिरिक्त फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ ही प्राथमिकता से उन्हें इस परियोजना से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना को क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति आदि को देखते हुए विस्तारपूर्वक अध्ययन कर इसकी डीपीआर तैयार की गई है। 11 अगस्त को आयोजित जनसुनवाई में प्रभावित लोगों द्वारा जो भी सुझाव एवं मांग एवं आपत्तियां दर्ज कराई जाएंगी उन्हें डीपीआर में सम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने बैठक में अवगत कराया कि भारत सरकार का उदेश्य है कि परियोजना से पूर्व प्रभावित क्षेत्र की जनता की समस्त समस्याएं सुझाव अवश्य लिए जाए ताकि परियोजना में उसे सम्मिलित किया जा सके। बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि उक्त परियोजना में भारत तथा नेपाल के बराबर की हिस्सेदारी को निहित किया गया है तथा उक्त बनने वाला बांध एशिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा बांध है।
बैठक में अवगत कराया गया कि उक्त परियोजना में जनपद चम्पावत पिथौरागढ़ एवं अल्मोड़ा के कुल 134 गांव प्रभावित हो रहे हैं जिसमें पिथौरागढ़ जनपद के 87 गांव प्रभावित हो रहे है। बैठक में प्रमुख कार्यकारी अधिकारी महेन्द्र बहादुर गुरूग ने कहा कि प्रभावित गांवों के परिवारों को भूमि, घर, मुआवजा की अधिकतम राशि का भुगतान किया जायेगा। उन्होंने कहा प्रभावित जनपदों में एक एक हैलीपैड तथा 8 रोपवे बनाये जाएंगें साथ ही भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण बनाकर उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन गतिविधियों, वाटर स्पोटर््स से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जनस्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखते हुए चिकित्सालयों की सुविधा प्रदान की जायेगी और पूर्व में स्थापित चिकित्सालयों को बेहतर स्थिति में लाने के लिए धनराशि का डीपीआर में प्राविधान किया गया है।
बैठक में परियोजना के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी महेन्द्र गुरूंग, प्रमुख कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार, इंजीनियर दिलिप कुमार, एम.लाल, चीफ इंजीनियर, वेब्कास के मुख्य अभियंता एस.एस. गोदरा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एस.डी.दीक्षित, वेब्कास के डा.अमर शर्मा, उपजिलाधिकारी पिथौरागढ़ संतोष पाण्डेय, निरीक्षक अभिसूचना ईकाई जितेन्द्र उप्रेती, लोनिवि के अधिशासी अभियंता नवीन जोशी आदि उपस्थित थे। बैठक से पूर्व उक्त अधिकारियों द्वारा 11 अगस्त को होने वाली जनसुनवाई स्थल विकास भवन का भी निरीक्षण किया।