पिथौरागढ़। विकास प्राधिकरण अधिसूचना 2017 के विरोध में संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी कार्यालय के आगे धरना-प्रदर्शन करते हुए सांकेतिक धरना दिया
पिथौरागढ़। विकास प्राधिकरण अधिसूचना 2017 के विरोध में संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी कार्यालय के आगे धरना-प्रदर्शन करते हुए सांकेतिक धरना दिया। उन्होंने कहा प्राधिकरण को निरस्त किये जाने तक विरोध जारी रहेगा।
पिथौरागढ से न्यूज लाईव के लिए सुशील खत्री की रिपोंट:—
पिथौरागढ संघर्ष समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन चंद्र भट्ट के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय के आगे विभिन्न संगठनों के लोगों ने विकास प्राधिकरण अधिसूचना को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। श्री भट्ट ने कहा कि विकास प्राधिकरण पर्वतीय क्षेत्र की जनता के साथ घोर अन्याय है। कहा कि वि0प्रा0 में भारी-भरकम टैक्स लिया जायेगा जो गरीब जनता की जेब डाका है। कहा कि विकास के नाम पर सेस, तलपट शुल्क, अम्बार शुल्क तथा सुपरविजन चार्ज के रूप में जनता को लूटने और परेशान करने की साजिश है। कहा कि जबतक इस जनविरोधी नीति को प्रदेश सरकार वापस नहीं लेगी तब तक हम चैन से नहीं बैठेगें। केएमवीएन संगठन के अध्यक्ष दिनेश गुरूरानी ने कहा कि प्रदेश सरकार आमगरीब के पक्ष में नीतिया बनाने में फेल हो रही है। व्यापारसंघ अध्यक्ष शमशेर सिंह महर ने कहा कि प्राधिकरण जनता के खिलाफ है इसको सरकार तत्काल निरस्त करे अन्यथा व्यापारी सड़कों पर उतर जायेगा। कर्मचारी यूनियन के उमेद सिंह बिष्ट ने कहा कि विकास प्राधिकरण को अगर सरकार ने वापस नहीं लिया तो कर्मचारी संगठन भी इसका पुरजोर विरोध करेगें। धरने में सीमान्त यूथ मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील खत्री, राकेश वर्मा, नवीन शर्मा, छात्रसंघ अध्यक्ष महेंद्र रावत, मुकेश पंत, प्रमोद पंत, निर्मल चौधरी, नरेंद्र ग्वाल, महेंद्र मल, बहादुर चंद, टीएन पंत, भुवन जोशी, विनोद मतवाल, पदमा बिष्ट, ममता भट्ट, ललिता देवी, दीपक तिवारी, देवकी देवी, कैलाश पंत, बीसी त्रिपाठी, टिकेंद्र कुमार, प्रदीप पाठक, ने अपने विचार रखे। धरने में रणनीति बनाते हुए आगामी नौ दिसंबर को नगर के महात्मागांधी मार्ग स्थित व्यापारसंघ उपाध्यक्ष आशीष सौन के प्रतिष्ठान में एक बैठक दोपहर दो बजे से की जायेगी। अध्यक्ष मोहन चन्द्र भट्ट ने सभी से अपील करते हुए इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग की है। सभा का संचालन अधिवक्ता अजय बोहरा ने किया।
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