पोचुम-पल्ली टाई और डाई सिल्क साड़ी बनाकर मिला संत कबीर अवार्ड
कुरुक्षेत्र न्यूज लाईव संवाददाता राकेश शर्मा:-—
तेलंगाना हैदराबाद के शिल्पकार को अपने हाथों से सिल्क की साडिय़ा बनाने का शौक उन्हें संत कबीर अवार्ड तक पहुंचाएगा यह उनके जहन में भी नहीं था, लेकिन अपने कर्म को करते हुए तेलंगाना के शिल्पकार रापोलु रामालिंगम को वर्ष 2012 में हेंडलूम का राष्ट्रीय संत कबीर अवार्ड हासिल करने का गौरव प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं शिल्पकार रोपालु को 7 अगस्त 2015 को राष्ट्रीय हेंडलूम डे पर भी प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह अवार्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों चेन्नई में हासिल हुआ।
शिल्पकार रोपालु रामालिंगम ने ब्रहमसरोवर के पावन तट पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2017 में स्टाल नम्बर 7 महिला पर्यटकों के लिए सिल्क की साडिय़ा और अन्य उत्पाद विशेष तौर पर रखे हैं। उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि हैदराबाद में हाथ से सिल्क की साडिय़ां बनाने का उनका पुस्तैनी कार्य हैं। इस कार्य को जब पर्यटक सहराते हैं तो उनके मन को आत्मसंतुष्टी मिलती हैं। इस महोत्सव में पिछले 5 सालों से लगातार आ रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा के फरीदाबाद में लगने वाले सूरजकुंड मेले और चंड़ीगढ़ में लगने वाले मेलों में भी पहुंचते हैं।
उन्होंने बताया कि इस महोत्सव में महिला पर्यटकों के लिए पोचुम-पल्ली टाई और डाई सिल्क की साडिय़ों को विशेष तौर पर तैयार करके लेकर आए हैं। इसके अलावा कॉटन की साडिय़ां और महिलाओं के पसंदीदा अन्य उत्पाद भी लेकर आए हैं। इस बार उन्होंने साड़ी का दाम 500 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक तय किया हैं और महिलाएं सिल्क की साडिय़ों को काफी पसंद कर रही हैं।