प्रधान की पक्षघरों द्वारा 12 एकड़ के तालाब पर किया जा रहा कब्जा——–
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रिर्पोट वेद प्रकाश
कुठौन्द (जालौन) 11 जून प्रधान पक्ष ने शिकायत कर्ताओ पर किया हमला।ग्राम मल्थुवा ब्लॉक महेबा जिला जालौन मे लघु सिंचाई के अन्तर्गत तालाब की खुदाई ठेकेदार द्वारा कराई जा रही 12 एकड के तालाब पर प्रधान पक्ष के दंबगो का कब्जा है जिससे तालाब सिमट कर 4-5 एकड मे ही बचा है। शिकायत कर्ता एडीएम के पास शिकायत ले कर पहुंचे जिसमे एडीएम साहब ने नायब तहसीलदार को लिखा कि इसकी जॉच की जाये 05-06-20को नायब तहसील दार जॉच के लिये आये जिससे प्रधान पक्ष व शिकायत कर्ता वहॉ पहुचें।नायब तहसील दार के सामने ही प्रधान पक्ष ने अभद्र भाषा का प्रयोग करके शिकायत कर्ता को मारा जिससे शिकायत कर्ता ब्रजेन्द्र को मारा एंव तालाब मे ढकेल दिया जिससे पास मे खडी ब्रजेन्द्र की भाभी ने उनसे बचाने की कोशिस की प्रधान पक्ष ने उसे भी मारा और उस महिला पर बार किये तालाब मे ढकेल दिया व ब्रजेन्द्र की धर्म पत्नी भी बचाने आयी जिससे दबंग लोगो ने उन पर भी हमला किया उसकी कान की बाली छीन कर कान फाड दिया व गला पकड कर मारने की कोशिस की जिससे थाने मे एफ आई आर लिये ब्रजेन्द्र की भाभी पहुंची।प्रधान पहुंच के चलते थाने मैं एफआईआर नही लिखी गयी बाद मे पीड़ित एस पी साहब के यहॉ प्रार्थना पत्र देकर थाने एफ आई आर की गयी।
उधर नायब तहसील दार 6-7 दिन तालाब का रकबा जॉच की बात कह गये। लेकिन सही निर्णय नहीं दिया गया मामले को अरहर में लटका कर चले गए पीड़ित को अभी तक कोई न्याय नहीं दिया गया प्रधान के चहेते लोग ग्राम पंचायत की संपत्ति जोकि लघु सिंचाई के अंतर्गत तालाब की खुदाई ठेकेदार द्वारा कराई जा रही है जिस तालाब का क्षेत्रफल 12 एकड़ बताया जा रहा है जिसमें आज वर्तमान स्थिति में तालाब की जगह मौजूदा 4 या 5 एकड़ ही मौजूद दिखाई दे रही है जिस पर शिकायतकर्ता बृजेंद्र तथा उसकी पत्नी तथा उसकी भाभी की भी मारपीट कर दी गई यह रवैया प्रधान द्वारा इसलिए करवाया गया कि इस संबंध में किसी की हिम्मत ना रहे कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोई भी व्यक्ति आवाज उठा सके या किसी शासन व प्रशासन को शिकायत कर सकें इसलिए गांव की भोली भाली जनता इतनी बेबस है की प्रधान चलती पुर्जा किस्म का व्यक्ति होने के कारण थाने में पीड़ित व्यक्ति की कोई भी प्रकार की समस्या का ना ही निदान किया जाता है और ना ही उसकी शिकायत पर कोई अमल किया जाता है शिकायतकर्ता को उल्टा जेल भेजने की धमकी देकर भगा दिया जाता है जिससे भयभीत होकर थाने से घर चले जाते हैं इस समय हमारे प्रदेश की सरकार बहुत ही सक्रियता से शासन को चुस्त-दुरुस्त बनाए हुए हैं लेकिन यहां बैठे प्रशासन में लोगों की मानसिकता कुछ अलग ही दिखाई देती है इसलिए गांव मल्थुआ के ग्रामीणों की शासन से गुहार हैं कि हम लोगों के साथ हो रहे उत्पीड़न को रोकने की मुहिम जारी करें!
