फांसी सजा के प्रावधान से घटेंगे अत्याचार, ऐतिहासिक फैसला
फांसी सजा के प्रावधान से घटेंगे अत्याचार, ऐतिहासिक फैसला
न्यूज लाईव संवाददाता कुरूक्षेत्र राकेश शर्मा:—-
प्रदेश में 12 साल से कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी या न्यूनतम 14 साल की सजा दिलाने पर कानून में संशोधन कर आइपीसी की नई धाराएं जोड़ने के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल में मुहर लगाई गई है। इस फैसले को महिलाओं ने काफी सराहनीय कदम बताया है। फांसी की सजा के फैसले पर राकेश कश्यप ने महिलाओं से बातचीत की गई जिसमें उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया इस तरह से बयां की।सरकार ने बहुत अच्छा फैसला लिया है। वैसे ऐसे अपराध करने वाले सभी व्यक्तियों को फांसी की ही सजा होनी चाहिए। इससे दुष्कर्म के मामले कम होंगे। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए महिलाओं को भी जागरूक होना होगा। अगर कोई भी ऐसा अपराध करता है उसके खिलाफ तुरंत प्रभाव से कानूनी कार्रवाई की जाए।
शिक्षा रानी, गर्ल हॉस्टल एनआईटी, कुरुक्षेत्र 1
किसी भी लड़की के साथ कोई छेड़छाड़ या गलत हरकत करता है। उसको सजा मिलनी चाहिए। दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा होने से अपराध कम होंगे। वैसे महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सीखने चाहिए। इसलिए महिलाएं खुद पर होने वाले अपराध से बच सकती है।
कविता कश्यप, मुड़ा खेड़ा, कुरुक्षेत्र 2
किसी भी लड़की के साथ कोई छेड़छाड़ या गलत हरकत करता है। उसको सजा मिलनी चाहिए। दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा होने से अपराध कम होंगे। वैसे महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सीखने चाहिए। इसलिए महिलाएं खुद पर होने वाले अपराध से बच सकती है।
मोनिका, लाडवा 3
दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति को फांसी की सजा जरूरी हो गया है। प्रदेश में प्रतिदिन कहीं न कहीं बच्चियों पर दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा करने वाले व्यक्तियों की मानसिकता सही नहीं होती है। इसी के कारण ऐसे अपराध होते हैं। स्कूल व कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को भी सुरक्षा को लेकर जागरूक होना होगा।
अर्चना पांचला, आउटसोर्सिंग कर्मचारी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र 4
बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वाले व्यक्तियों को फांसी की सजा होने से सुरक्षा मजबूत होगी। कोई भी व्यक्ति ऐसा अपराध करने से पहले सोचेगा। इससे ही बच्चियों पर बढ़ते अपराध कम होंगे। वहीं असामाजिक तत्व कम होंगे।
सुनैना सोनी, कुरुक्षेत्र 5