विभाग की सांठ गांठ से गरीबों के निवाले में सेंध लगा रहे कोटेदार
न्यूज लाईव संवाददाता अभिषेक कुमार गौड:
विभाग की सांठ गांठ से गरीबों के निवाले में सेंध लगा रहे कोटेदार
—जलालपुर के पूर्ति निरीक्षक पर उच्चाधिकारियों का आदेश बेअसर
–ग्रामीण बार-बार करते रहे शिकायत फिर भी सिर में नहीं रेंगता जूं
अंबेडकरनगर। जिले के विभिन्न तहसीलों के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में तैनात पूर्ति निरीक्षकों की सांठ गांठ से गरीबों के निवाले में कोटेदार सेंध लगा रहे है और इसकी शिकायत भी बार-बार हो रही है जिसमें उच्चाधिकारी आदेश भी निर्गत कर रहे है किन्तु किसी के सिर मंे जूं नहीं रेंग रहा है। इसके पीछे माह में आवश्यक वस्तुओ के वितरण के पश्चात् सौदा तय होना अहम कारण बताया जा रहा है।
ज्ञात हो कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता के लिए सूबे की सरकार तरह-तरह के कानून बनाकर गरीबों को सस्ते दर की आवश्यक वस्तुओं को पहुॅचाने का प्रयास कर रही है। आदेश के पालन में विभाग के अलावा प्रशासन को निर्देशित भी किया जा रहा है। इन सबके बावजूद गरीबों को कही घटतौली का सामना करना पड़ रहा है तो कहीं उनके हक की सामग्री कोटेदार हजम कर जा रहा है। ऐसे मामलों की शिकायतें भी अधिकारियों के जनता दर्शन व सम्पूर्ण समाधान दिवस में आम हो गयी है। यही नही सरकार के जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायते दर्ज करायी जा रही है किन्तु इसका असर कहीं दिखाई नहीं पड़ रहा है। कारण सभी जांचे घूम फिरकर निचले स्तर पर ही भेज दी जा रही है। इसी तरह से जुड़ा मामला जलालपुर तहसील का है, यहां पूर्ति निरीक्षक संतोष कुमार शुक्ल की तैनाती से अब तक की ग्रामीणों के शिकायती पत्र को लिया जाय तो एक भी मामले में निष्पक्षता से जांच नहीं की गयी है जब कि प्रतिदिन क्षेत्र के ग्रामीण कोटेदारों पर आरोप लगाते फिर रहे है। कई मामले ऐसे आये जिनमें एसडीएम, डीएम व डीएसओ आदि ने उन्हे निर्देश दिया कि सम्बंधित गांवों में जाकर जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करे लेकिन
[8/1, 2:08 pm] अभिषेक कुमार गौड: किसी में भी उनके द्वारा निष्पक्षता नहीं की गयी बल्कि शिकायत को निराधार के पत्र भेजकर अपने दायित्व से इतिश्री कर लिया है। ताजा मामला कबूलपुर का सामने आया जिसमें ग्रामीण शिकायत किये कि कोटेदार अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड पर 35 के सापेक्ष 30 व 31 किलो खाद्यान्न बगैर पर्यवेक्षक के वितरण कर रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुये जिला पूर्ति अधिकारी व एसडीएम ने ग्रामीणों से आश्वासन दिये कि तत्काल पूर्ति निरीक्षक के माध्यम से वितरण रोकवा दिया जा रहा है किन्तु सभी के आदेश को दर किनार करते हुये मामले में कुछ भी नहीं किया और कोटेदार पर्यवेक्षक की अनुपस्थित में वितरण मनमानी ढंग से करने में सफल रहा। अन्य तहसील व ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे ही सेंध कोटेदार गरीबों के निवाले में लगा रहे है जिसकी शिकायतें आये दिन हो रही है। इस काले कारनामे के पीछे पर्यवेक्षक से लेकर पूर्ति निरीक्षक और इस वितरण व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों की अहम भूमिका बतायी जा रही है। बताया जाता है कि कोटेदारों के वितरण की तिथि पर पहुॅचने की जिम्मेदारी की अनदेखी कर उसके एवज में सौदा तय कर लेते है और माह के अन्त में कोटेदार घटतौली की सामग्री को काला बाजारी कर सभी को हिस्सा पहुॅचाया करते है। इन्ही के चलते कोई कितना भी आवाज उठाये कोटेदार को संरक्षण देना सभी की मजबूरी बनी है।
—बोले जिला पूर्ति अधिकारी
उक्त के सम्बंध में जिला पूर्ति अधिकारी नीलेश उत्पल ने कहा कि पर्यवेक्षक की अनुपस्थित में आवश्यक सामग्री का वितरण नियम विरूद्ध है। ऐसे मामले में जांच करायी जायेगी और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई भी सुनिश्चित होगी।