मुनस्यारी में 6 माह में 4 बार हुआ सेटेलाइट फोन का प्रयोग

मुनस्यारी न्यूज लाईव के लिए शेखर जोशी की रिपोंट:—-
पिथौरागढ   सीमांत जनपद में सेटेलाइट फोन उपयोग किए जाने के मामले लगातार बढ़ने से सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं। पिछले 6 माह में सेटेलाइट फोन के प्रयोग के चार मामले प्रकाश में आ चुके हैं। लेकिन सुरक्षा एजेंसिंया अब तक सेटेलाइट फोन का प्रयोग करने वाले लोगों का पता नहीं लगा पाई है।
सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील भारत, चीन व नेपाल सीमा से सटे पिथौरागढ़ और आसपास के इलाके में सेटेलाइट फोन के प्रयोग ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद हराम कर दी है। पिछले 6 माह में यहां 4 से अधिक बार सेटेलाइट फोन का प्रयोग किया गया है। जिसमें मुनस्यारी और धारचूला में दो-दो मामले सामने आए हैं। लेकिन आज भी सेटेलाइट फोन का उपयोग करने वालों का कोई पता नहीं लगा है। जो देश की सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न लगा रहा है।
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2 अक्तूबर को मरतोली में प्रयोग हुए सेटेलाइट फोन के बाद सक्रिय हुई सुरक्षा एजेंसियां
मुनस्यारी। 2 अक्तूबर को भारत-चीन सीमा पर स्थित मरतोली गांव में सेटेलाइट फोन का प्रयोग हुआ था। जिसकी सूचना मिलने के बाद 15 अक्तूबर को स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हुई। पुलिस की टीम और सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी मरतोली गावं की तरफ से आने वाले लोगों से गुपचुप तरीके से सेटेलाइट फोन के संबंध में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।
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कीड़ा-जड़ी तस्करों और विदेशी पर्यटकों पर है सुरक्षा एजेंसियों को शक
मुनस्यारी। भारत-नेपाल और चीन सीमा तस्करी के मामले में बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। यहां से कीड़ा-जड़ी, वन्य जीवों की खालों की भारी मात्रा तस्करी की जाती है। जिसे देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को सीमा पर सक्रिय कीड़ा-जड़ी तस्करों और विदेशी पर्यटकों पर शक है। इसी शक के आधार पर  सुरक्षा एजेंसियां सेटेलाइट फोन का प्रयोग करने वाले लोगों का पता लगाने में जुटी है।
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मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। शीघ्र ही सेटेलाइट फोन का प्रयोग करने वाले लोगों को पकड़कर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
अजय जोशी, पुलिस अधीक्षक, पिथौरागढ़।
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