स्वीकृति के बिना चल रहे 170 भट्ठे

 मथुरा से “न्यूज लाईव” संवाददाता नितिश ठाकुर की रिपोंट:——

मथुरा। जिले में मांट और छाता तहसील के अंतर्गत ईंट भट्ठों का संचालन बगैर पर्यावरणीय स्वीकृति के ही किया जा रहा है। ऐसे ईंट भट्ठों की संख्या करीब 170 बताई जा रही है। इस स्वीकृति के बगैर अनेक संचालकों ने तो रॉयल्टी तक जमा नहीं की है। उच्च न्यायालय और एनजीटी के आदेशानुसार अब ईंट भट्ठों के संचालन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य हो गया है। इसके बाद ही भट्ठा संचालन करने से पहले रॉयल्टी जमा करने का प्रावधान किया गया है। लेकिन, पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए सरकारी मशीनरी भट्ठा संचालकों का जमकर शोषण कर रही है। एक भट्ठा के लिए इस एनओसी के लिए 1.20 लाख रुपये तक लेनदेन में खर्च करना पड़ रहा है। पिछले दिनों इससे परेशान भट्ठा संचालक दंपति ने कलक्ट्रेट में जमकर हंगामा काटा था। यहां तक कि लेनदेन के आरोप खुलेआम खनन विभाग के अफसरों पर लगाए थे। इस हंगामे के बाद महीनों से रुकी एनओसी जारी होने में देर नहीं लगी थी। इधर, प्रभारी अधिकारी ने जिले के समस्त ईट भट्ठा स्वामियों को 2017-18 (एक अक्तूबर से 30 सितंबर 2018) के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति लेने के आदेश जारी किए हैं।
Share This News