हस्त और चित्रा नक्षत्र में मनेगी इस बार दिवाली

 मथुरा से न्यूज लाईव संवाददाता नितेश ठाकुर की रिपोंट:—-
मथुरा। इस बार दिवाली का मुख्य उत्सव गुरुवार को होगा। इस दिन सूर्योदय हस्त नक्षत्र में होगा तथा दिवाली की पूजा चित्रा नक्षत्र में होगी। ज्योतिष आचार्यों ने पूजा की विधि और समय के साथ पूजन करने की बात कही है।
दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान के निदेशक आचार्य कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया 18 अक्तूबर की मध्यरात्रि के बाद से ही यानि गुरुवार प्रात: से ही अमावस्या तिथि का आगमन हो जाएगा। महालक्ष्मी जी का पूजन कमल के पुष्पों के साथ करें। कारखाने, ऑफिस में प्रात: साढ़े सात तक, धनु लग्न में 10:53 बजे से 12:57 तक, लाभ बेला में 12 बजे से 13:30 बजे तक पूजन करें। घरों में महालक्ष्मी का पूजन सायं साढ़े चार बजे से छह बजे तक, प्रदोष बेला में सायं पांच बजकर 44 मिनट से आठ बजकर 18 मिनट तक कर सकते हैं। वृष लग्न में सात बजकर 19 मिनट से रात्रि नौ बजकर 11 मिनट तक कर सकते हैं।
ज्योतिष आचार्य पंडित अजय तैलंग ने पूजा की विधि बताते हुए कहा कि 19 अक्तूबर को घर में शाम के समय एक चौकी पर लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों को स्वास्तिक बनाकर चावल रखकर स्थापित करें। हाथ जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए छिड़कें। गुड़, फल, फूल, खील बताशे, घी, पंचामृत आदि से पूजा-अर्चना करें। लक्ष्मी पूजा के लिए सायं 7:11 बजे से रात्रि 8:16 बजे तक का समय श्रेष्ठ है। उद्योगपति व कारखानों के पूजन के लिए 10:46 बजे से दोपहर तीन बजकर तीन मिनट तक का मुहूर्त है।
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