अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस का सूचना तंत्र नाकाम

 

अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस का सूचना तंत्र नाकाम

 

  न्यूज लाईव संवाददाता अभिषेक   कुमार गौड:

आलापुर अम्बेडकरनगर–अपराध पर लगाम व अपराधियों से कैसे निपट पाएगी पुलिस जब उसका सूचना तंत्र दिवालिया हो चुका है।जी हां यह बात आलापुर व जहांगीरगंज पुलिस पर सटीक बैठ रही है।कम से कम आलापुर व जहांगीरगंज थाना क्षेत्रों के दो गांवों में किशोर व युवती की एक ही दिन हुई हत्या में युवती का शव बरामद करने में पुलिस को 3 दिन लग गए और पुलिस को युवती के हत्याकांड की भनक तक नहीं लग सकी।जबकि युवती के गायब होने तथा हत्या कर शव दफना देने की बात गांव में गूंजती रही और गांव से बाहर भी पहुंच गई लेकिन यही बात पुलिस तक नहीं पहुंच सकी यह पुलिस के सूचना तंत्र को ही सवालों के घेरे में खड़ा करता है साथ ही पुलिस की सक्रियता को भी !विदित हो कि गुरुवार की देर शाम आलापुर थाना क्षेत्र के लखनीपट्टी गांव निवासी विद्यालय प्रबंधक सत्य राम प्रजापति का 17 वर्षीय पुत्र दिनेश बिना बताए घर से लापता हो गया था जिसका शव शुक्रवार की भोर में परिजनों द्वारा की जा रही तलाश के दौरान गांव के पास से गुजर रहे माइनर की पटरी पर मिला था घटनास्थल व उसके आसपास के हालात बयां कर रहे थे कि दिनेश की हत्या कर शव वहां फेंक दिया गया था लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण कुछ स्पष्ट ना हो सकने से प्रकरण की गुत्थी सुलझने की बजाए और उलझ गई पिता की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने वाली आलापुर पुलिस कई बिंदु पर ध्यान लगाते हुए उक्त घटना की विवेचना में जुटी हुई थी जिसमें मृतक दिनेश के संबंधों तथा ऑनर किलिंग की चर्चाओं पर भी पुलिस की निगाह थी।बता दें कि दिनेश अपने पिता के खुद के प्रबंधन वाले इंटर कॉलेज में छात्र था और पड़ोसी गांव जहांगीरगंज थाना क्षेत्र के बसहिया गंगा सागर में भाई द्वारा हत्या कर दफनाए गए बहन के शव की रविवार की रात बरामदगी मामले में मृतका दीपांजलि भी उसी इंटर कॉलेज में इंटर प्रथम वर्ष की छात्रा थी गत माह उस
[15/1, 7:55 pm] अभिषेक कुमार गौड: की गुमशुदगी के बाद परिजनों ने उसका नाम विद्यालय से कटवा दिया था इधर दिनेश के चाल चलन के दृष्टिगत एक एक कदम आगे बढ़ रही पुलिस का ध्यान दीपांजलि के गायब होने और उसकी हत्या कर शव को दफनाने की बात तब पता चली जब गांव गली चौराहों से होती यह चर्चा पुलिस उच्चाधिकारियों सहित अभिसूचना इकाई तथा सोशल मीडिया पर चलने लगी तो दिनेश हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में लगी।आलापुर पुलिस ने ऑनर किलिंग के संदेह में अपना ध्यान इस तरफ केंद्रित किया और दीपांजलि के भाई को गिरफ्त में लेते ही दीपांजलि का शव भी बरामद कर लिया।शव बरामदगी के साथ जो बात सामने आई उसके मुताबिक दीपांजलि की गोली मारकर हत्या भी गुरुवार की रात ही कर दी गई थी जिसका शव 3 दिन बाद बरामद हो सका। हालांकि दिनेश व दीपांजलि हत्याकांड के तार अभी तो प्राथमिक जांच पड़ताल में आपस में जुड़ते नजर नहीं आ रहे हैं लेकिन पुलिस हर पहलुओं की जांच पड़ताल में जुटी हुई है लेकिन दीपांजलि की हत्या व उसका शव दफन कर देने की बात चौतरफा चर्चाओं में आने के बाद भी जहांगीरगंज पुलिस तक कैसे नहीं पहुंच सकी यह पुलिस की मुखबिरी तंत्र सहित उसकी सक्रियता को भी सवालों के कटघरे में खड़ी कर रही है इसी बात पर घटना स्थल का निरीक्षण करने आए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने जहांगीरगंज थानाध्यक्ष की मौके पर ही​ कड़ी फटकार लगाते हुए नसीहत भी दिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के चलते जहांगीरगंज व आलापुर थाना क्षेत्र में अपराधों की बाढ़ सी आ गई है।आखिरकार पुलिस अपराध पर लगाम और अपराधियों पर नकेल कैसे कसेगी।

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