शाम को चंद्रमा के दर्शन करके अर्घ्य अर्पित करने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर महिलाएं व्रत खोलेंगी।

न्यूज होम लाइव नेटवर्क

नैनीताल हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस साल करवा चौथ 17 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। ये व्रत गुरुवार सुबह सूर्योदय से शुरू होगा। शाम को चांद निकलने तक रखा जाएगा। शाम को चंद्रमा के दर्शन करके अर्घ्य अर्पित करने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर महिलाएं व्रत खोलेंगी। इस दिन चतुर्थी माता और गणेशजी की भी पूजा की जाती है। इस बार करवा चाैथ पर ग्रहों की स्थिति भी खास है।

24 साल बाद पूर्ण राजयोग बन रहा है  :

चंद्रमा और बृहस्पति का दृष्टि संबंध होने से गजकेसरी राजयोग बन रहा है। ग्रहों की ऐसी स्थिति पिछले साल भी बनी थी, लेकिन बुध और केतु के कारण चंद्रमा के पीड़ित होने से राजयोग भंग हो गया था, लेकिन इस साल ऐसा नहीं है। बृहस्पति के अलावा चंद्रमा पर किसी भी अन्य ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ने से पूर्ण राजयोग बन रहा है। इससे पहले 12 अक्टूबर 1995 को करवा चौथ पर पूर्ण राजयोग बना था। वहीं बृहस्पति और चंद्रमा का दृष्टि संबंध 2007 में भी बना था, लेकिन शनि की वक्र दृष्टि के कारण चंद्रमा के पीड़ित होने से राजयोग भंग हो गया था।

Karva-chauth

व्रत से होते है विशेष लाभ:

शुभ ग्रह-योग में की गई पूजा से विशेष फल प्राप्त होता है। गुरुवार होने से इस व्रत का फल और बढ़ जाएगा। इसके प्रभाव से पति-पत्नी में प्रेम बढ़ेगा। राजयोग में पूजा करने से महिलाओं को व्रत का पूरा फल मिलेगा। इस योग के प्रभाव से अखंड सौभाग्य के साथ ही समृद्धि भी प्राप्त होगी। इस व्रत को करने से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और परिवार में सुख भी बढ़ेगा।

Share This News