बसपा में प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर को फिर लगा झटका
लालजी वर्मा के करीबी राम शिरोमणि बने अध्यक्ष

फिर गरमाई पार्टी की आन्तरिक राजनीति निकाय चुनाव से पार्टी में चल रहा घमासान

अम्बेडकर नगर न्यूूज लाईव संवाददाता अभिषेक कुमार गौड 

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी ने अपनी राजनीतिक गोट बिछानी शुरू कर दी है। कभी बसपा का गढ़ समझे जाने वाले इस जिले में पार्टी ने एक दलित जिलाध्यक्ष को हटाकर राम शिरोमणि वर्मा को नया जिलाध्यक्ष बनाकर अपनी बदली रणनीति का एहसास करा दिया है। इस बदलाव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर व दलित समुदाय से आने वाले पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों की मानें तो बहुजन समाज पार्टी की आन्तरिक राजनीति में लाल जी वर्मा सभी पर भारी पड़ रहे है। निकाय चुनाव के दौरान जो हालात सामने आये थे उसके चलते अकबरपुर में बसपा चौथे स्थान पर पंहुच गई थी। बसपा को इस बुरी स्थिति में पंहुचने के बाद ही बदलाव की आशंका उठने लगी थी। पार्टी के विधान मण्डल दल के नेता लालजी वर्मा ने अपने बेहद करीबी राम शिरोमणि वर्मा को जिलाध्यक्ष बनवाकर पार्टी में अपनी ताकत का एहसास करा दिया है। निकाय चुनाव में भी लालजी वर्मा की पहल पर ही राम शिरोमणि वर्मा की पत्नी को बसपा ने प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में राम अचल राजभर पूरी तरह से अकबरपुर से दूर रहे। उनके दूर रहने का खामियाजा भी पार्टी को जबरदस्त हार के साथ झेलना पड़ा। बहुजन समाज पार्टी में एक दूसरे को पीछे ढकेलने की रणनीति पार्टी के लिए कितनी कारगर हो पाती है यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन इतना तो तय है कि पार्टी के अन्दर जो कुछ चल रहा है इससे उसके लिए 2019 की डगर भी आसान नही होगी।

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