पार्षद सुशील खत्री ने उठाया नजूल भूमि का मुद्दा, कहा- मालिकाना हक न मिलने से जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं लोग।

एनएचएल नेटवर्क।

पिथौरागढ़। जनपद के दौरे पर आए कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के समक्ष नगर की दशकों पुरानी नजूल भूमि की समस्या एक बार फिर गूंजी है। पुरानी बाजार वार्ड के पार्षद सुशील खत्री ने कमिश्नर से मुलाकात कर पिथौरागढ़ शहर में लंबित नजूल भूमि को फ्री-होल्ड करने की जोरदार मांग उठाई। उन्होंने स्पष्ट किया कि मालिकाना हक न मिलने के कारण सैकड़ों परिवार आज भी असुरक्षित और जर्जर भवनों में रहने को मजबूर हैं।
कमिश्नर को सौंपे गए ज्ञापन में पार्षद सुशील खत्री ने बताया कि पिथौरागढ़ शहर के एक बड़े हिस्से में लोग पिछले 70 से अधिक वर्षों से नजूल भूमि पर बने आवासीय और अनावासीय भवनों में निवास कर रहे हैं। लंबे समय से मामला शासन स्तर पर लंबित होने के कारण इन लोगों को अभी तक भूमि का मालिकाना हक (फ्री-होल्ड) नहीं मिल सका है।
जर्जर हो चुके हैं भवन, निर्माण की अनुमति नहीं
पार्षद खत्री ने जनहित का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मालिकाना हक न होने के कारण लोग अपने जर्जर हो चुके मकानों का नवनिर्माण या मरम्मत नहीं करवा पा रहे हैं। कई भवन वर्तमान में बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके हैं, जिससे भविष्य में किसी बड़ी अनहोनी का खतरा बना हुआ है। नियमानुसार, फ्री-होल्ड की प्रक्रिया पूरी हुए बिना इन भवनों के मानचित्र पास होना और निर्माण कार्य करना संभव नहीं हो पा रहा है।
नगरवासियों की ओर से मांग की गई है कि कुमाऊं कमिश्नर इस संवेदनशील मामले में व्यक्तिगत रुचि लेते हुए शासन स्तर पर वार्ता करें। पार्षद खत्री ने आग्रह किया कि जनहित में फ्री-होल्ड की प्रक्रिया को तत्काल शुरू करवाया जाए, ताकि आम जनता को उनके घरों का वास्तविक अधिकार मिल सके।

​”जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान हमारी प्राथमिकता है। इस संबंध में शासन स्तर पर वार्ता कर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे, ताकि लोगों को आ रही परेशानियों का स्थायी हल निकाला जा सके।”

दीपक रावत, कुमाऊं आयुक्त

“नगर के कई वार्डों में लोग दशकों से रह रहे हैं, लेकिन मालिकाना हक के अभाव में वे अपने ही घरों में बेगाने हैं। जर्जर भवनों के कारण लोगों की जान जोखिम में है। शासन को इस पर जल्द निर्णय लेना चाहिए।”
                   सुशील खत्री, पार्षद, पुरानी बाजार।

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