नेपाल प्रधानमंत्री देउबा ने संसद में हासिल किया विश्वास मत
नेपाल प्रधानमंत्री देउबा ने संसद में हासिल किया विश्वास मत
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
काठमांडू (नेपाल) — नेपाल के नवनियुक्त पीएम शेर बहादुर देउबा (75 वर्षीय) ने बहाल हुये नेपाली संसद के निचले सदन में विश्वास मत हासिल कर लिया। उन्हें 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सदस्यों का समर्थन मिला। देउबा के पक्ष में 165 वोट पड़े जबकि 83 वोट उनके खिलाफ पड़े और एक सांसद तटस्थ रहा , मतदान में 249 सांसदों ने हिस्सा लिया। देउबा को संसद का विश्वास मत हासिल करने के लिये 136 मतों की आवश्यकता थी , अगर वे विश्वास मत हासिल करने में असफल हो जाते तो संसद भंग हो जाती और अगले छह महीने में ही चुनाव कराने होते। संसद के निचले सदन में नेपाली कांग्रेस के 61 सदस्य हैं। जबकि निचले सदन में वर्तमान में 271 सदस्य हैं, केवल 249 विधायक मतदान के लिये उपस्थित थे क्योंकि कुछ ने मतदान का बहिष्कार किया और कुछ अनुपस्थित भी रहे। नेपाली कांग्रेस , सीपीएन माओवादी सेंटर और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल के सांसदों ने देउबा के पक्ष में वोट डाला। वहीं जेएसपी-एन के ठाकुर-महतो धड़े ने आखिरी घंटे में देउबा को वोट देने का फैसला किया। यूएमएल के असंतुष्ट गुट के सांसद भी इस संबंध में बंटे हुये थे। देउबा को नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया था और एक माह में विश्वास मत साबित करने को कहा था। माना जा रहा है कि देउआ के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और नेपाल के रिश्ते सुधरेंगे।
पीएम मोदी ने दी बधाई
विश्वास मत जीतने के तुरंत बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देउबा को बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मैं आपके साथ सभी क्षेत्रों में हमारी बेजोड़ साझेदारी को और बढ़ाने और दोनों देशों की जनता के बीच गहरे रिश्तों को मजबूत करने हेतु काम करने के लिये तैयार हूं। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के बधाई के जवाब में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपका बधाई देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं भारत-नेपाल और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिये आपके साथ मिलकर काम करने के लिये उत्सुक हूं। बताते चलें देउबा 13 जुलाई को नेपाल के नये पीएम बने थे। इससे एक दिन पहले 12 जुलाई को नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पीएम नियुक्त किया था। इसके साथ ही कोर्ट ने 21 मई को भंग हुई प्रतिनिधि सभा को भी बहाल कर दिया था।
पांचवीं बार बने प्रधानमंत्री
देउबा पांचवीं बार नेपाल के पीएम बने हैं , उन्हें केपी शर्मा ओली की जगह पीएम बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के प्रतिनिधि सभा भंग करने के 21 मई के फैसले को पलट दिया था।काठमांडू में 13 जुलाई आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने देउबा को प्रधानमंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी।पीएम देउबा के साथ चार नये मंत्रियों ने भी शपथ ली थी जिसमें नेपाली कांग्रेस (नेकां) और सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के दो-दो सदस्य शामिल हैं। नेपाली कांग्रेस के बालकृष्ण खंड और ज्ञानेंद्र बहादुर कार्की ने क्रमश गृहमंत्री और कानून तथा संसदीय कार्य के मंत्री के रूप में शपथ ली। माओइस्ट सेंटर से पम्फा भुषाल और जनार्दन शर्मा को क्रमश: ऊर्जामंत्री और वित्तमंत्री नियुक्त किया गया है। इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश राणा , सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और सीपीएन-यूएमएल के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल भी मौजूद थे। इससे पूर्व देउबा चार बार यानि पहली बार सितंबर 1995- मार्च 1997 , दूसरी बार जुलाई 2001- अक्टूबर 2002 , तीसरी बार जून 2004- फरवरी 2005 और चौथी बार जून 2017- फरवरी 2018 तक- प्रधानमंत्री रह चुके हैं। संवैधानिक प्रावधान के तहत प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्ति के बाद देउबा को 30 दिनों के अंदर सदन में विश्वास मत हासिल करना था।