आठ दिसंबर भारत बंद का हुआ ऐलान,

आठ दिसंबर भारत बंद का हुआ ऐलान

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली – नये कृषि सुधार कानून को लेकर किसानों द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन अब और भी ज्यादा अक्रामक होते नजर आ रहा है। केन्द्र सरकार से कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल नही निकलने पर
किसान संगठनों ने आठ दिसबंर को भारत बंद करने का आह्वान किया है।तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान पांँच दिसंबर को देश भर में पुतले जलायेंगे और फिर तीन दिन बाद भारत बंद करेंगे। किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि एमएसपी पर सरकार से बात चल रही है लेकिन हम तीनों कानून वापस करवा कर रहे हैं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे। आठ दिसंबर को भारत बंद रहेगा , इस दौरान सभी टोल प्लाजा भी बंद करवाये जायेंगे और दिल्ली पहुँचने वाले सभी रास्ते भी बंद किये जायेंगे। माना जा रहा है कि देश में गैर बीजेपी शासित प्रदेशों में बंद का खासा असर देखने को मिल सकता है। सिंघू बॉर्डर पर प्रेस वार्ता के दौरान किसानों ने कहा कि इसे सिर्फ पंजाब आंदोलन बोलना सरकार की साजिश है मगर आज किसानों ने दिखाया कि ये आंदोलन पूरे भारत में हो रहा है और आगे भी होगा। हमने फैसला लिया है कि अगर सरकार कल कोई संशोधन रखेगी तो हम संशोधन स्वीकार नहीं करेंगे। प्रेस वार्ता के दौरान आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने कहा कि आज तमिलनाडु में और कर्नाटक में हमारा प्रदर्शन था। अब इन किसानों को भी दिल्ली आने को बोल दिया गया है। पूरे देश के किसानों को दिल्ली आने का आह्वान किया गया है। अब सरकार से लड़ाई आर पार की होगी। उन्होंने कहा आंदोलन को लेकर पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता है।गौरतलब है कि दिल्ली के बाहर की अधिकतर सीमाओं को किसानों ने बंद कर रखा है। किसान संगठन सिंघू बॉर्डर और इधर यूपी गेट के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली एनसीआर की यातायात व्यवस्था चरमरा चुकी है। वहीं किसान संगठनों से जुड़ी शीर्ष नेता कल एक बार फिर केंद्र सरकार के मंत्रियों संग विज्ञान भवन में  बैठक करेंगे। सरकार और किसानों के बीच हो रही बार-बार इस बैठक में किसान नये कृषि कानून को वापस लिये जाने की मांँग कर रहे हैं।

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