गोलज्यू संदेश यात्रा के बेरीनाग पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत।
एनएचएल नेटवर्क संवाददाता।
बेरीनाग। अपनी धरोहर संस्था के तत्वाधान में आयोजित श्री गोलज्यू संदेश यात्रा आज बेरीनाग पहुंची। यहां पहुंचने पर स्थानीय लोगो ने पुष्प वर्षा कर ढोल-दमाऊ के साथ यात्रा का भव्य स्वागत किया। बागेश्वर होते हुए यात्रा बेरीनाग पहुंची।
गोलू देवता को उत्तराखंड में न्याय के देवता के रूप में पूजे जाते है। यहां प्रत्येक तीन साल में एक बार श्री गोल्ज्यू संदेश यात्रा निकाली जाती है जो उत्तराखंड के चंपावत जिले से शुरू होती है, यह यात्रा 13 जिलों और 75 मंदिर से होकर चंपावत में ही समाप्त होती है। बुद्धवार को यात्रा बेरीनाग पहुंची।
स्थानीय लोगों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया। इस यात्रा में उत्तराखंड की धार्मिकता, संस्कृति, पौराणिक धरोहर, रहन-सहन, खान-पान और आभूषण की विशेष झलक देखने को मिलती हैं। यात्रा के महामंत्री भुवन कांडपाल ने बताया कि श्री गोल्ज्यू संदेश यात्रा उत्तराखंड की संस्कृति और धरोहर को आज की युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का एक माध्यम है।
यात्रा संयोजक उमेश साह ने बताया कि श्री गोल्ज्यू यात्रा के जरिए स्थानीय समस्याओं को उजागर किया जाता है और उनका समाधान करने की कोशिश की जाती है। इस यात्रा के जरिए स्थानीय कलाकारों, विरासतों को पहचाना जाता है और उन्हें रोजगार से जोड़ा जाता है। गोल्ज्यू देवता न्याय के देवता हैं और उत्तराखंड में घर-घर में उनकी पूजा की जाती है। मान्यता है कि न्याय न मिलने पर लोग गोलू देवता मंदिर में जाकर अर्जी लगाते हैं और उन्हें न्याय मिलता है। इस दौरान ललित पन्त,जीवन पन्त, भूपेश पन्त, पंकज पन्त, आदि कई लोग मौजूद रहे।
