राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी शहर में उधमिता विकास कौशल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन ।
एनएचएल नेटवर्क।
हल्द्वानी राजकीय महाविद्यालय शहर, किशनपुर गौलापर में देवभूमि उधमिता योजना के तत्वावधान में उच्च शिक्षण संस्थानों में नवीन व्यवसाय सृजन, नवाचार एवं स्टार्ट अप कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की दिशा में एक दिवसीय उधमिता विकास कौशल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
जागरूकता कार्यक्रम में देवभूमि उधमिता योजना के महाविद्यालय नोडल अधिकारी डॉ॰ आशीष अंशु ने छात्र – छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा आज के बदलते युग में विद्यार्थियों को परंपरागात शैक्षणिक ज्ञान के साथ उधमिता विकास एवं कौशल की जानकारी अत्यंत आवश्यक है । छात्र- छात्राओं को सरकार की उधमिता कौशल संबंधी इस महत्वाकांक्षी परियोजना से जोड़ने हेतु आगामी दिवसों में महाविद्यालय में स्थानीय ऊधमियों , शासन प्रतिनिधि , अकादमिक विशेषज्ञों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से बूट कैम्प का आयोजन किया जायेगा । बूट कैम्प महाविद्यालय में स्टार्ट अप ईको सिस्टम की स्थापना एवं विद्यार्थियों के रोज़गार सृजन की दिशा में महती भूमिका निभाएगा ।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो॰ संजय कुमार ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी जोर ज्ञान आधारित शिक्षा के साथ कौशल आधारित शिक्षा के समन्वय पर है। देवभूमि उधमिता योजना के अंतर्गत महाविद्यालय में उधमिता केंद्र की स्थापना की जायेगी जो विद्यार्थियों को उत्कृष्ट आकादमिक उपलब्धियों के साथ रोज़गार सृजनकर्ता और रोज़गार दाता भी बनाएगा।
शिक्षक अभिभावक संघ के सलाहकार और स्थानीय ऊधमी डॉ॰ मुकेश बेलवाल ने विद्यार्थी जीवन में उधमिता विकास के महत्व को रेखांकित किया । देवभूमि जनसेवा संस्थान, किशनपुर के मार्गदर्शक श्री प्रकाश बिष्ट ने बताया कि उनकी संस्था अब तक दस हज़ार से भी ज़्यादा युवाओं, महिलाओं एवं विद्यार्थियों को उधमिता कौशल की दिशा में प्रशिक्षित कर चुकी है ।महाविद्यालय में उधमिता विकास केंद्र की स्थापना उसके मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण पश्चात् नव उधमियों को स्व रोज़गार की दिशा में बहुस्तरीय सहयोग प्रदान करने हेतु अपने सहयोग का आश्वासन दिया । शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष श्री प्रकाश गजरौला ने महाविद्यालय में उधमिता विकास केंद्र एवं उसकी योजनाओं को सफल बनाने हेतु और अधिक स्थानीय ऊधमियों एवं स्थानीय युवाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने के साथ अपने आपेक्षित सहयोग का भी आश्वासन दिया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ॰ दीप चंद्र पांडेय ने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कहा आज आवश्यकता है कि छात्र उधमिता संबंधी कौशल प्राप्त कर अपने अंदर ऊधमशीलता के गुणों को विकसित करने का प्रयत्न करें। इस अवसर पर डॉ॰ भारती बहुगुणा, डॉ॰ अर्चना जोशी, डॉ॰ कल्पना भंडारी , डॉ॰ महेश शर्मा, डॉ॰ सुरजीत कंडारी, डॉ॰ अंकिता चंदोला, डॉ॰ ऊषा पोखरिया, डॉ॰ गरिमा , अन्य शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहें ।