दिल्ली आंदोलन 2 के “तैयारी सम्मेलन” ने धरा रैली का रूप, दिल्ली आंदोलन के दौरान संगठन के मंच पर 29 जनवरी के हमले के खिलाफ अमृतसर सहित पूरे पंजाब में पुतले फूंके।

एनएचएल नेटवर्क।

जंडियाला गुरु, कंवलजीत सिंह लाडी ,किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के 76 संगठनों के किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) नेता सरवन सिंह पंधेर, जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह कलेर और जिला सचिव गुरलाल सिंह मान के नेतृत्व में पूरे जिले में लगातार बैठकें और सम्मेलन कर लोगों को लामबंद किया जा रहा है. इस बीच आज 2020-21 के दिल्ली आंदोलन के दौरान किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के मंच पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ के लोगों द्वारा हमला कर लोगों के संघर्ष को नुकसान पहुंचाने की कोशिश के खिलाफ जिले भर में मुख्य दोषी प्रदीप खत्री और अमन डबास का विरोध प्रदर्शन किया और पुतले फुंके गए । इस मौके पर नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को उखाड़ फेंकने का प्रयास सही मायने में लोकतंत्र को उखाड़ फेंकने का प्रयास था, जो सफल नहीं हुआ, लेकिन दोषी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं और संगठन दोषियों को याद रखेंगे । दिल्ली आंदोलन 2 की तैयारी के लिए चौक मेहता के पास गांव उधोनंगल के स्टेडियम में 4 जोन के किसानों, मजदूरों और महिलाओं का सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में पहुंचकर रैली का रूप ले लिया जिसमे लोग सैकड़ों ट्रैक्टरों ट्रालिओं पर सवार होकर पहुंचे । इस मौके पर बोलते हुए नेताओं ने दिल्ली आंदोलन के महत्व और मांगों के बारे में जानकारी दी और कहा कि आज पंजाब समेत पूरे देश में किसान मजदूर संघर्ष को भरपूर प्रतिसाद मिल रहा है. उन्होंने कहा कि आज किसानों और मजदूरों को कंधे से कंधा मिलाकर एक दूसरे का साथ देने की जरूरत है क्योंकि आज संघर्ष उस मोड़ पर है जो उनका भविष्य तय करेगा । उन्होंने कहा कि आज की सभा इस बात का समर्थन कर रही है कि सरकार किसानों का कर्ज रद्द करे, सभी फसलों की खरीद पर एमएसपी गारंटी का कानून बनाये और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसल के दाम लागू करे, फसल बीमा योजना लागू करे, भूमि अधिग्रहण कानून को 2013 के स्वरूप में लागू किआ जाए, लखीमपुर खीरी के आरोपियों को सजा, किसानो मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करना, विश्व व्यापार संगठन से भारत को बाहर करना, आदिवासियों की 5वीं अनुसूची लागू करना, गन्ना उत्पादकों की मांगों का समाधान हो । उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि सभी संगठन इन मांगों को पूरा कराने के लिए दिल्ली आंदोलन में शामिल होने के लिए तैयार हों और 13 फरवरी को किसान मजदूर समर्थक कॉरपोरेट ताकतों के खिलाफ इस ऐतिहासिक और निर्णायक संघर्ष का हिस्सा बनें। इस मौके पर जिला नेता सुखदेव सिंह चाटीविंड, बलविंदर सिंह रुमानचक, रणजीत सिंह चाटीविंड, गुरभेज
सिंह भिलोवाल, चरण सिंह कलेर घुम्मण, अमरीक सिंह जमालपुर, स्वर्ण सिंह उधो ​​नंगल, हरजीत सिंह खब्बे राजपूतां, रणधीर सिंह बुट्टर, अमनिंदर सिंह मालोवाल, निरंजन सिंह जाबोवाल उपस्थित रहें ।

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